who is mystery girl pushpam chaudhary against nitish
- पुष्पम चौधरी ये वो नाम जिन्होंने ब्रिटेन में पढ़ाई की और महिला दिवस के अवसर पर अखबारों के जरिए ऐलान कर दिया है
- पुष्पम ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस से लोक प्रशासन में एमए करने के बाद डेवेलेपमेंट स्टडी में एमए भी किया
- बड़ी संख्या में लोग मरते हैं, लापता हो जाते हैं, मार दिए जाते हैं या उनके साथ बलात्कार होता है, लेकिन वे समाचार की सुर्ख़ियां नहीं बन पाते
- बिहार के दरभंगा की रहने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की पुत्री हैं
बिहार विधानसभा चुनाव-2020 की राजनीति में कई नए मोड़ आ चुके है, जहाँ महागठबंधन में जहां तेजस्वी को लेकर जीच है वहीं एनडीए में नीतीश के चेहरे पर मुहर लग चुकी है। लेकिन एक नाम जो अचानक से उभर कर आया है उस चेहरे का नाम हैं पुष्पम प्रिया चौधरी जो चुनाव में नीतीश को देंगी सीधी टक्कर। राजनीतिक पंडितों की मानें तो बिहार में मुख्य मुकाबला जदयू और राजद के केंद्रीत होगी। वहीं अचानक से बिहार की राजनीति में पुष्पम प्रिया चौधरी की नए राजनीतिक सितारे के रुप में हुई इंट्री कई सवाल खड़ा कर रहा है। देश के लगभग सभी दल युवा नेतृत्व की बात कर रहे हैं और तो और देश के प्रधानमंत्री से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं। इस लिहाज से देखी जाए तो कहीं ऐसा तो नहीं कि यूथ बाला को बिहार की सियासत में उभरकर आना राजनीति को किसी और दिशा को संकेत दे रही है। पुष्पम चौधरी ये वो नाम जिन्होंने ब्रिटेन में पढ़ाई की और महिला दिवस के अवसर पर अखबारों के जरिए ऐलान कर दिया है बिहार के मुख्यमंत्री कैंडिडेट के रुप में अपना नाम। बिहार की सत्ता के लिए पहले से एनडीए के नीतीश कुमार और महागठबंधन से तेजस्वी के नाम तय माने जा रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री की तीसरी कैंडिडेट के रुप में पुष्पम प्रिया चौधरी के नाम पर भी चर्चा शुरु हो गई।
पुष्पम ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल साइंस से लोक प्रशासन में एमए करने के बाद डेवेलेपमेंट स्टडी में एमए भी किया। उसके बाद बिहार के सभी अखबारों में विज्ञापन देकर इस साल होने वाली चुनावी जंग में उतरने का पुष्पम प्रिया चौधरी ने महिला दिवस के दिन राजनीति में आने का ऐलान कर दिया है। पुष्पम ने ‘प्लूरल्स’ राजनीतिक पार्टी बनाकर उसकी अध्यक्ष बन गई हैं। राजनीति में इंट्री मारने के सवाल पर कहती हैं कि उनका इरादा है बिहार को बदलना।
नारा दिया ‘जन गण सबका शासन’
‘जन गण सबका शासन’ के नारे के साथ राजनीति गलियारे में धमक बनाने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा, ‘बिहार में अब सबका शासन होगा होगा। प्रियम कहती हैं मैं बिहार के अक्षम नेताओं को चुनौती दे रही हूं। मैं यह जंग जीतूंगी लेकिन आप इसे ऐतिहासिक बना सकते हैं। पटना से एमएलसी का चुनाव लड़ा बस एक शुरुआत है। प्रियम ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सकारात्मक राजनीति करने के लिए ही काम करेगी।
वर्ष 2025 तक बिहार बनेगा विकसित राज्य
बिहार के दरभंगा की रहने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की पुत्री हैं। बिहार की मुख्यमंत्री बनकर वर्ष 2025 तक बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बनाना मेरा लक्ष्य होगा। जबकि वर्ष 2030 तक बिहार विकास के मामले में यूरोपीय देशों जैसा होगा। वह कहती हैं कि बिहार उनका पहला प्यार है और अब वह राज्य के लिए काम करना चाहती हैं। पुष्पम के पिता विनोद चौधरी नीतीश कुमार के करीबी रहे हैं और कहते हैं मैं अपनी बेटी का साथ हूं। माना जा रहा है कि उन्होंने पूरी योजना बनाकर ही पुष्पम को चुनावी मैदान में उतारा है। एक इंटरव्यू में प्रियम के पिता जदयू नेता विनोद चौधरी का कहना है कि मैं अभी जदयू में हूं और जब तक पार्टी उन्हें निकालेगी नहीं तब तक मैं पार्टी में रहूंगा। मैं अपनी बेटी को नैतिक समर्थन देता हूं। पुष्पम बिहार के लिए काम करना चाहती हैं। मैं अभी दरभंगा एमएलसी के चुनाव में लगा हूं। मेरा नीतीश कुमार के साथ पारिवारिक संबंध रहा है। आगे भी मैं उनका आदर बना रहेगा।
पुष्पम ने लिखा बिहार की जनता के नाम लिखा पत्र
पुष्पम ने लिखा, ‘विगत वर्षों में बिहार की बहुसंख्यक आबादी के लिए प्रगति कर पाना कठिन हो गया है। सरकार सिर्फ़ उन लोगों की सुनती है जिनके ऊंचे सत्ताधारी लोगों से सम्पर्क हैं। राज्य के बाक़ी लोग पीछे छूट गए हैं। जीवन की गुणवत्ता अत्यंत दयनीय है और एक आम आदमी की ज़िंदगी का कोई मोल नहीं है। बड़ी संख्या में लोग मरते हैं, लापता हो जाते हैं, मार दिए जाते हैं या उनके साथ बलात्कार होता है, लेकिन वे समाचार की सुर्ख़ियां नहीं बन पाते। और अगर वह समाचार में आ भी जाते हैं तो सरकार अनसुना कर देती है। पूरी दुनियां काफ़ी तेज़ी से प्रगति कर रही है लेकिन बिहार का सबसे पिछड़ा क्षेत्र बना हुआ है। लेकिन इन सबसे अलग देखना ये दिलचस्प है कि आखिर लंदन में पढ़ाई करने वाली पुष्पम आखिर नीतीश को ही टक्कर क्यों देंगी। जबकि इनके पिता पहले से ही नीतीश के मुरीद हैं। कहीं ऐसा तो नहीं पुष्पम के नाम की चर्चा का होना किसी नए राजनीतिक चाल का कोई हिस्सा है। या पुष्पम अपने वादे और दावे पर अडिग रहेंगी। अगर अपने ऐलान पर वो अडिग रह जाती हैं तो एक लड़की होने औऱ सुझबूझ के नाते उनके किस्मत का पिटारा भी खुल सकता है या खुद राजनीति में इंट्री का कोई सुलभ माध्यम ढूंढ़ रही हैं।
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