Shani dev ki mahima: क्यों माना जाता है शनिदेव को सर्वश्रेष्ठ

Shani dev ki mahima aur shani katha in hindi : वैसे तो ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। किसी व्यक्ति की कुंण्डली में अगर सिर्फ सूर्य ग्रह की अच्छी स्थिति है तो उसका जीवन राजाओं जैसा हो सकता है। खुलासा डॉट इन में जानिए इन्हीं शनिदेव की महिमा के बारे में    विस्तार से।

पौराणिक कथाओं के अनुसार नवग्रह परिवार में जहाँ सूर्य को राजा का स्थान प्राप्त है तो शनिदेव (Shani dev) को भृत्य का। पौराणिक ग्रंथों में शनिदेव की महिमा (Mahima Shani dev) का विस्तार से वर्णन है।  शनि स्तोत्र (Shani stotra) के एक मंत्र में सूर्यपुत्र शनिदेव को महाबली और ग्रहों का राजा बताया गया है – ‘सौरिग्र्रहराजो’ महाबल:।’ शनिचालीसा (shani chalisa) के पाठ से होती हैं सभी मनोकामना पूरी ।

शनिदेव की महिमा: क्यों माना जाता है शनिदेव को सर्वश्रेष्ठ Shani dev ki mahima aur shani katha in hindi
shani dev ki mahima shani shingnapur

शनिदेव (Shani dev) ने की थी भगवान शिव (Shiv) की तपस्या

अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे ? ऐसा बिलकुल सम्भव है, जिस पर शिव जी की महिमा बरसने लगे उसके लिए सब कुछ सम्भव है। यदि  प्राचीन ग्रंथों को पढ़ा जाए तो पता चलता है कि शनिदेव ने भगवान शिव की कठिन भक्ति व तपस्या कर नवग्रहों में सर्वश्रेष्ठ स्थान की प्राप्त की थी । जन्मकुंडली के किस भाव में देते हैं शनिग्रह (Shani Grah) कैसा फल जानिए।


शनिदेव की महिमा: क्यों माना जाता है शनिदेव को सर्वश्रेष्ठ Shani dev ki mahima aur shani katha in hindi
shani dev ki mahima shani shingnapur

क्यों रखते हैं शनिदेव (Shani Dev) सूर्य से शत्रुता

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार सूर्यदेव गर्भाधान हेतु अपनी पत्नी छाया के पास गए, चूँकि सूर्य देव के प्रचंड तेज को कोई सीमा नही है अत: जब वो छाया के पास पहुंचे तो छाया उनके तेज़ से घबरा गयी और उन्होंने उस समय आंखें बंद कर ली थीं।  वक़्त बीता और छाया ने शनिदेव को जन्म दिया । परन्तु जब शनि पैदा हुए तो उनका श्याम वर्ण (काले रंग) था, जिसे देख सूर्य ने शनि को अपना पुत्र मानने से न सिर्फ इनकार किया, बल्कि अपनी पत्नी छाया पर भी गलत आरोप लगाये। माना जाता है कि यही कारण है जिसके चलते शनि (Shani dev) अपने पिता सूर्य से शत्रुता रखते हैं।

Comments